लहुलोहान जनता :
जो बनता था होशियार आज कहां वो सोया है
पागल सब धर्मो के पीछे इन्सान कहां पर खोया है
पडों ने कुल्हाडी को ही अपना रक्षक जो बनाया है
कौन कहां कब कैसे काटेगा किसने किसे बताया है
मीडिया ने यू आज झूठ को ऐसा खूब सजाया है
कहां किसे क्या क्यू मिलेगा जाने कैसे जताया है
नेताओ ने जनता को आज यु मूर्ख बनाया है
जाने कैसे पढे लिखो ने इन्हें अपनो का खून पिलाया है
जनता की आवाज इन्होने नागाडो मे दबाया है
अनपढ बच्चो को फुसलाकर दंगो मे घुसाया है
और उनपर ही केस बनाकर गहरा इन्हें फसाया है
समजदार जो खुदको समझे उनको ही चमचा बनाया है
जाती धर्म का रंग चढाकर देश खून मे डूबोया है
समझ ना आए क्या करे हम इसलिये ये दिल चाल्लाया है...