रिश्ता
तेरा मेरा रिश्ता एक बेनामी संपत्ति की तरह है, जिस पर सामाजिक स्वीकृति की मुहर तो नहीं लगी.. इसके बावजूद इस रिश्ते से प्यारा और करीबी दुनिया का कोई रिश्ता नहीं.. याद है न तुम्हें.. जब तुमने कहा था, "कुछ रिश्ते बेहद अपने से होते हैं, बस तुम्हारे नाम की तरह" ..और फिर मैंने कहा, "कुछ रिश्ते बेहद अजीज़ होते हैं, "बस तुम्हारी सोच" की तरह.. तब से आज तक मैं जीती आई हूँ "बस तुम्हारे लिये"
#रिश्ता