##सुनो ##
.....सुनो- सुनो कोई आपसे कुछ कह रहा है!.....

मन का खिलाया, भर - पेट खिलाया,
और उसने तुम्हारे लिए सब कुछ किया है।
सभी ख्वाइश पूरी की, पर कभी ये नहीं पूछा
कि बेटा , तू हमारे लिए क्या कर रहा है??
मगर - सुनो, कोई आपसे कुछ कह रहा है।।1।।

भागते ही तो रहे हमेशा पैसे के पीछे,
कभी अपनों पर गौर कहां किया है???
उसने बस थोड़ा सा साथ ही तो मांगा था,
पर तुमने उस पर ध्यान ही नहीं दिया है।
लेकिन - सुनो, कोई आपसे कुछ कह रहा है।।2।।

सिगरेट पी, जुआ खेला ,और शराब भी पी
हर बुरी हरकत को तुमने अंजाम दिया था।
ना परिवार , ना अपनी, और ना समाज की,
किसी की इज्जत का ना ख्याल किया था।
पर - सुनो, तब भी कोई कुछ कह रहा था।।3।।

जब सब कुछ खोया और उदास हुआ,
तब ही इस दिल ने ये विचार किया है।
कि वो दिल ही था जो कहता रहा,
लेकिन तुमने उसपर गौर कहां किया है?
अब - सुनो, दिल कुछ कह रहा है।।4।।

Hindi Poem by Akshay jain : 111359602

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