My New Poem ....!!!
जी हाँ शायर तो है हम चाहनेवालों के
दिल के सिवाय कहीं पर हम रहते नहीं
जरुरी तो नहीं कि हर बात कहीं जाएँ
कभी-कभी वह बात भी समझ लिया
करो यारों बात जो कि हम कहते नहीं
जीदगीं में आज ना दर्द है ना हसरतें है
फ़िर भी चेहरे से मुस्कान हम खोते नहीं
यूँ तो वक़्त के साथ बस कटी जा रही हैं
जीदगीं पर अरमाँ दिलके कम होते नही
गूजर रहाँ हैं हर लम्हा वक़्तकी दहलीज़
से पर मसले हे कि कभी कम होते नहीं
प्रभु-परस्ती में गूजरी पल ही मुनाफ़े की
है वनाँ नफ़रतों के दायरे कम होते नहीं
बिते वक़्त से न गिला न आते वक़्त से
उम्मीद बची साँसों को हम खोते नहीं
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