जिंदगी क्या है?
जिंदगी एक मैच है!
हमारे पिताजी टेस्ट मैच
की तरह खेलते थे।
हसी खुशी , परिवार ,
रिश्तेदार , पड़ोसी और
गांव वालों से बखूबी
रिश्ते निभाया करते थे।
बैंक लॉन से ना कभी
कोई मरा था!
हमने जिंदगी जी ली
वन डे मैच की तरह ,
मिला उसे मुकदर समझ
लिया! ना मिला उसे ख्वाब
समझ लिया!
बैंक लॉन से अपने
बच्चो के सपनो को पचास
ओवर में पूरा कर दिया।
पचास ओवर पूरी करते करते
हमारे साठ साल हो गए।
कई रिश्ते छूटे तो कई
रिश्ते हमसे रूठे!
अब हम देखते है
अपने बच्चो को
जिंदगी की मैच को
२०/२० मैच की
तरह खेलते हुए!
ना खाने का होश है।
ना सोने का होश है।
फ्लैट अब उसे छोटे
लग रहे है!
गाड़ी बड़ी , फ्लैट बड़े
के चक्कर में "ई एम आई "
के हकदार बन गए है।
तो कोई " पी आर " के
चक्कर में पड़े है।
जिंदगी एक मैच है
आप कोनसा मैच
खेलोगे?
अनिल भट्ट