तुम्हारी नज़र क्यो खफा हो गई
Tumhari Nazar Kyon Khafa Ho Gayi
फिल्म दो कलियां (१९६८)
Movie: Do Kaliyan (1968)
संगीत निर्देशक (रवि)
Music Director: Ravi
गीत (साहिर लुधियानवी)
Lyrics: Sahir Ludhianvi
गायक/गायिका मौहम्मद रफी/लता मंगेशकर
Singer: Mohammed Rafi, Lata Mangeshkar
(प्रस्तुतकर्ता ब्रह्मदत त्यागी हापुड़)
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तुम्हारी नज़र क्यो खफा हो गई, खता बख्श दो गर खता हो गई
हमारा इरादा तो कुछ भी ना था, तुम्हारी खता खुद सजा हो गई
सजा ही सही आज कुछ तो मिला है,, सजा मे भी इक प्यार का सिलसिला है.
मोहब्बत का अब कुछ भी अंजाम हो, मुलाक़ात ही इल्तजा हो गई
मुलाक़ात पे इतने मगरूर क्यो हो,, हमारी खुशामद पे मजबूर क्यो हो.
मानाने की आदत कहा पड गई, सताने की तालीम कंहा खो हो गई
सताते ना हम तो मानते ही कैसे,, तुम्हे अपने नज़दीक लाते ही कैसे.
इसी दिन का चाहत को अरमान था, कुबूल आज दिल की दुआ हो गई
ब्रह्मदत त्यागी हापुड़