इतनी सी तू नज़रें इनायत कर दे
दिल में थोड़ी सी अपनी जगह दे दे।
वादा है ना हम वहां घर बसाएंगे
ना कभी तेरी रातों की नींदें ही चुराएंगे।
है दिल में तेरे जो एक छोटा सा दरींचा
उससे आने जाने की बस मुझको इजाजत दे दे।
ना करेंगे जमाने में कभी तेरी रुसवाई
कर दूर से दीदार तेरा, दिल को हम समझाएंगे।।
सरोज ✍️