नीर समान , सहृदय करे सब का मान
जग जननी है ये लड़की , करो ना इसका अपमान ।
बेटी बनाकर इसे गले लगाओ ,
इसकी भ्रूण की हत्या ना कर , इसे जीने का अधिकार दिलाओ।
बुरी नजर ना इस पे डालो , ये है देवी का स्वरूप
अंबा गोरी काली और भी है इसके रूप ।
सब दुख सह कर भी ये कर देती है घर को स्वर्ग समान ।
महकता है वो घर का आंगन ,
जहाँ होता है लड़की का बहु या बेटी की तरह स्वागत ।