कब तक चलेगा
" CAA "
समर्थन और विरोध,
क्या हम वहीं
हिंदुस्तानी
भारतीय
इंडियन
है,जो सतर साल से
एक साथ मिलजुल के
रहते है।
दिवाली, इद और क्रिसमस
जैसे त्योहार खुशी खुशी
एक साथ मनाए जाते है।
हिंदुस्तान की
हिन्दू, मुस्लिम, शीख , ईसाई की
विविधता में एकता को
पूरा विश्व मानता है,
जानता है और
स्वीकार करता है।
फिर आज किसकी
नजर लग गई है हमारे
भारत को।
हम कभी इतने कचे कान के
नहीं हुआ करते थे!
हमें कोन
बहेका रहा है? हमारे पाक रिश्तों को
नापाक कोन बना रहा है?
ना कभी हमारे आपसी तकरार
में हमने इतना ज़हर उगला है।
ना कभी इस हद तक गीरे है।
अपने मतलब के लिए आपको
भड़कानेवाला,उकसानेवाला,
बगलानेवाला आपका शुभचिंतक,
शुभेच्छु और खैरखवो हो नई सकता।
देश के "दुश्मन " और "गधार "
को हम कब पहेचाने गे ?
अनिल भट्ट