अपनी दिशा की खोज में,
चले नन्हे कदम चिराग लिए निशा मे ,
उथल-पुथल जिंदगी की राहों में ढूंढे खुशियों के ये पल ।
चिराग की रोशनी से मांगे आशा की किरण ,
चंदा की चांदनी से मांगे अंधेरी से लड़ने का जिगर ।
कभी गिरे कभी संभले ,
मासूम चले खुशियों की तलाश मे अपनी परछाई के संग।।