मैं उड़ना चाहती हूँ
अपने रंग इस दुनिया मे बिखेरना चाहती हूँ
हर रोज़ एक नई उमंग के साथ उठती हूँ
हर रात एक सुकून की सांस लेती हूँ
छोटे से तकिये के नीचे,
एक बड़ा सा सपना लेके सोती हूँ
निंद्रा अवस्था मे भी न जाने कहाँ खोई सी रहती हूँ
पता नही जिंदगी की जीत का मुझे,
पर,आज मैं खुद से ही जितना चाहती हूँ
मैं उड़ना चाहती हूँ