Hindi Quote in Poem by Ankit Singh

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मैं आज अकेला हूं
ये ना समझना की मैं हार गया
जो ये समझेगा वो पछताएगा
और मुंह की खाएंगे

डरा मत मुझे
भगा मत मुझे
झुका न सकेगा
मुझे मिटा न सकेगा

डर ही हैं ना मेरा
क्या बिगाड़ लेगा मेरा ?
उजड़ा हुआ शहर ज़रूर हूं
पर जीत से नहीं दूर

तेरी हार में
मेरा मज़ा है
यही तेरी सज़ा है
ये तो ऊपर वाले की रज़ा है ।
:- Ankit Singh

Hindi Poem by Ankit Singh : 111333694
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