My New Poem...!!!!!
हर रिश्ते मे सिर्फ नूर ही बरसेगा,,,
शर्त बस इतनी है कि हर रिश्ते
में साजिशें नहीं शरारतें तो हो,,,
परवाज़ें बुलंदियाँ बेशक छूती है
रिश्तोंकी पाकिझगी गर मासूम हो,,,
साफ़दिलीकी तमन्ना करता हर कोई
रिश्तों में पर दरमियान तो ख़ुदगर्ज़ी हो,,,
फ़िर उम्र-दराज़ रिश्ते को भी घूँटन-सी
महसूस, हर मुलाक़ात फ़ासलों में हो,,,
सौ बरकरार गर खुलुसियत रिश्तों में
चाहते आप हों तो सच्चे मनके तेवर हो,,,
दोनों-तरफ़ा यक-सी साफ़ वफ़ादारी हो,
साज़िशों से परे समझदारी संजीदगी हो,,,
मिलन-परस्ती हो, ख़्यालोंकी तंदुरुस्ती हो
प्रभु-पनाह-हस्ती हो, दिल-ना-बस्तग़ी हो.!
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