भारत माँ का सपूत है तू भारत जयकार कर।
ललकार हुँकार हिम्मत करके वार कर ,
जिंदा भारत तुज में तू खुली तेरी तलवार कर ,
रख बुलंदिया सोच में फिर तू जयधोष कर
भारत ...
एक एक का हाथ थाम कर चलो सीना तान कर ,
जीवन समर्पित कर वतन पे बस एक काम कर,
तू दहाड़ दे दुश्मन पर गर शेर है तो गर्जन कर ,
भारत माँ ..
हिन्दू ,मुस्लिम ,शिख ,ईसाई ऐसे न भेदभाव कर,
कॉमवाद ये जातवाद ओर धर्मवाद को त्याग कर ।
मत लड़ो आपसमें तुम भारत एक परिवार कर ,
भारत माँ...
जान ले ये तू बात मेरी बस इसमें विश्वास कर ,
हौसला रख हिमालय शा फिर तू ये पहाड़ चढ़,
संत भूमि ये शेर भी है इसको हृदय से नमस्कार कर ,
भारत माँ...
"हृदय"