किसीके लिये यू तड़प ! अच्छी नही ,
बहोत कराली बेइज़्जती ,गुलामी अच्छी नही ।
हुम तो जान तक देने का कर लिया है फैसला ,
पर यू घुटघुट के आये म्रुत्यु अच्छी नही ।
दिल फाड़ के रख दिया तब भी नही हक़ीन ,
आशिक़ है मजूर नही ऐशी मज़बूरी अच्छी नही ।
जाओ आजाद कर दिया हम ने हमारे में से ,
जो तुमारा था तुमारा ही रहेगा ,इतनी खुदगर्जी अच्छी नही ।
इश्क़ न हो तब भी चलता ,इज़्ज़त तो हो ,
यू जलील कर के हृदय को , आखिर ये भीख अच्छी नही