देख तेरी बेवफ़ाई को चारचाँद लग गये! उछलती कुदती मौजोने किनारे निगल लिये। अब खिड़कीसे कोई झाकता नहीं, तेरे आने के वक्त पर। जितने भी इंतजार किये वो बिनपाणी बह गये। कुछ नही माँगू तुझसे अब इस मोड़पर। जो तेरी तारिफ़ में लब्ज पेश किये थे। वो सारे फिज़ुल गये। @सुर्यांश_M5/20