My New Poem ...!!!!
जो शख़्स मौजूदा वक़्त हालात
और परिस्थितियों के अनुसार
अपने किरदार स्वभाव और अपने
नज़रिये को तब्दील कर सकता है
दरअसल रोज़मर्राकी जीदगीं में
खेले जाने वाले रंग-मंच का बस
वही सुपर-हीरो बन सकता है..!!
वनाँ जहाँ के सबसे महाकाय प्राणी
“डायनासोर” जैसे भी अपनी हस्ती
वक़्त हालात और परिस्थितियों के
मुताबिक़ न बदल पाने से नष्ट हो गए..
अत:तह प्रभुजी भी उसे ही पसंद करते
जो बदलते वक़्त में खुद ढल जाते है
बदल जाते है खुद ही सँवर भी जाते है
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