आँख के एक गाँव में
रात को ख्वाब आते थे...

छूने से बहते थे
बोले तो कहते थे

उडते ख्वाबों का एतबार कहाँ
अब मुझे कोई इतेज़ार कहाँ...

#गुलज़ार_साहब

Hindi Good Evening by Dharmesh Vala : 111307214

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