My New Poem ...!!!!
*जीवन में आधा दुःखः*
*गलत लोगों से उम्मीद*
*रखने से आता है*❗
*और बाकी का आधा दुःख*
*सच्चे लोगों पर शक*
*करने से आता है*
*✍🏻_
दर्पण कमज़ोर कितना
भी होता है मगर सच दिखाने
से कभी भी घबराता नहीं है_*
* जिस्मानी ताक़त-औ-कूव़त
भले ही कमजोर हो मगर दिमाग़ी
भुजाओं का बल प्रबलित होना चाहिए*
*कहते हैं कि क़लम 🖊 के तेवर ही
हर दौर में हुक्मरानौ की सलतनत के
ज़ेवर बन कर आम लोगों पर राज किए
*अखलाक-औ-अल्फ़ाज़ की रवानी
जिस मुल्क की रगों में पैवस्त रहे हैं वही
मुल्क तरक़्क़ी की हर मंज़िल छूते है.!*
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