My New Poem...!!!
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मेरी कविताओं की
हर पंक्ति में तुम
विराजमान रहते हो।
मेरे दिल में उमड़ते
शायराना ख़्यालों में
सिर्फ तुम धड़कते हो।
तुम मेरा केंद्र बिंदु हो
मैं तो बस बहती धरा सी
तुम्हारी परिक्रमा करती हूँ।
मेरी हस्ती साज-सज्जा
लाज-लज्जा कुछ भी नही,
सिवाय तुम्हारे नाम के।
मुझे कुछ नहीं चाहिए
सिवाय आपके दर्शन के
सिवाय आपके प्यार के।
मेरे साँवरिया मेरे नंद-किशोर
मेरे साँसों की लय में बसनेवाले
मे सिफँ और सिफँ आपकी दिवानी..!!
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