My New Poem ...!!!
अब रिहा कर दो अपने "ख्यालो" से मुझे ........!!!
लोग सवाल करने लगे हैं..
कि कहाँ रहते हो आज कल..!!!
दिवाना बना के ख़ामोशी की कटार से घायल कर दी हो...!!!
चंद साँसें जो बची है वो भी अपने नाम कर लो...!!!
ख़्वाबों में आ आ कर तो तड़पाती हो बारहाँ ...!!!!
ज़िंदगी में शामिल कर के हमें अपना बना लो..!!!!
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