My New Poem...!!!
मुख से निकले हूए हर शब्द पहचान देते
ख़्याल दिल के लफ़्ज़ोंसे ही बयान होते
झुरमुट भाव के अल्फ़ाज़से बयान होते
जैसी भी सोच में बंदा वक़्त गुज़ारता है
हर लम्हा हर पल जो लय में सोचता है
प्रभु भी उसी प्रकार के विचार हमें देता
ग़रज़ कि बंदे को चाहिएँ कि उसे किस
प्रकार के ख़्यालों में सवालों में जवाबों
में जी के जीवन तय कर यहाँसे जाना हैं
और कैसे कदमों के निशान छोड़ना है।
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