My New Meaningful Poem..!!
वफादार और तुम....? ?
ख्याल अच्छा है ...!!
बेवफा और हम......??
इल्जाम भी अच्छा है....!!
आदमी और हम ....??
एहसास अच्छा है ..!!
इन्सान और तुम...??
यह भी भ्रम अच्छा है ...!!
सफ़र आदमी से इन्सान
का है बहुत ही मुख़्तसर ..!!
पीता हैं पानी आदमी
सिफँ जीने के लिए ..!!
देता हैं पानी खुद रास्ता
इन्सान को ख़ुद के उपर
ही चलने के लिए ..!!!
जाता आदमी जहाँ से
ख़ालीपन लिए साथ ..!!
पाता प्रभु नज़र में मर्तबा
इन्सान जहाँ में जीते जी ..!!
सौ कर के देखो कोशिश
आदमीयत से इनसानियत
का सफ़र तय करनेकी तो
शायद क़ीमत मिले जीते जी..!!
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