रखना है तो रख लो सनम , ये दिल सिर्फ तुमारा है ।
खुदखर्ज़ी नही की कभी भी ,करता हु में बंदगी ।
मंदिर मस्जिद दोनो है ,मेरा दिनों धरम सिर्फ तेरा है ।
सारा आलम फिरता है कुछ नए आलम बनाने को ,
मेरा आलम तो बस यह है ,ये अरमान सिर्फ तेरा है ।
चाहत है मेरी के चाहु तुज को जन्मोजन्म ,
फिर वही चाहत तुज हो भी ,ये आशिक़ सिर्फ तेरा है ।
बिखरा हुवा है मुज में सब कुछ ,तू ही तो बचा है ,
छोड़ दो या तोड़ दो ,ये हक सिर्फ तेरा है ।
पालू प्यार तेरा में कुछ पल , तो ये भी करलू सनम
रावण शी तपश्चर्या ,राम के हाथों मर जाऊ
ये सैतान सिर्फ तेरा है ...।
अक्सर लिखता हु ये खवाब को लेकर भी चलता हूं ,
तुज में बस जाउ तेरी खातर ,ये दामन सिर्फ तेरा है ।
तक को तकदीर बनावो ,फिर नही तसवीर बनावो,
फैलाकर बहोको खड़ा है ,ये " हृदय" सिर्फ तेरा है