तेरे मेरे बीच...
ये जो भी रूहानी एहसास है,
कुछ तो गहरा सा कोई राज़ है।
फासले है बहोत तेरे मेरे दरमियां,
पर लगता है तु कहीं मेरे आसपास है।
मगर ये जो भी है, जैसी भी है,
तेरी मेरी दोस्ती के इस रिश्ते पर मुजे नाज़ है।
तेरे चेहरे पर ये खुशी,
तेरे होठों की ये हंसी, मेरे लिए बहोत खा़स है
क्या मांगू उस खुदा से अब,
जुबान पर हमेशा बस तेरे लिए अरदास है।
आशका शुकल "टीनी"