तेरे बिना कुछ ना भाए,
सब कुछ सुना है तेरे बिना....
यह नदिया...
यह खेत...
यह पर्वत...
यह पेड़ ...
यह बादल, यह आसमान... सब बेरंग है तेरे बिना ।
यह फूल...
यह कलियां...
यह तितली...
यह भंवरे...
यह खुशबू, यह हवाएं.... कोई नहीं भाता है तेरे बिना।
यह चांद ...
यह सितारे...
यह मौसम...
यह बहारें...
यह फिजा़, यह नजा़रे... सब फिके है तेरे बिना।
यह सुर.....
यह साज़....
यह संगीत....
यह राग....
यह कोयल, और उसके गीत ... सब बेसुरे हैं तेरे बिना।
आश्का शुकल "टीनी"