माँ को समर्पित
वक़्त नही तेरे खातिर अब, वह घूम रहा संसार है माँ ।
उपकार तुम्हारे भूल गया, वह पुत्र नही धिक्कार है माँ ।।
उपकार........
भटक रहा चौखट चौखट , वह दर दर माथा टेक रहा ।
मूरत में ममता ढूँढ़ रहा , जीवन उसका बेकार है माँ ।।
उपकार.........
उसकी खातिर माता तुमको , नींद न आई रातों में ।
लाचार तुम्हारी आँखों में , पूरे जीवन का सार है माँ ।।
उपकार.........
कैसे मैं गुणगान करूँ माँ , तुम सा कोई महान कहाँ ।
तुमसे ही जीवन शुरू हुआ , तुमसे जीवन साकार है माँ ।।
उपकार.........
अपने आँचल में रखती थी , बेटा जब लाचार था माँ ।
तुमने कड़वे बोल सहे क्यों, क्यों सुन ली दुत्कार है माँ ।।
उपकार.........
शब्द नही मिलते हैं माता , गुणगान तुम्हारा करने को ।
अश्रु बहते लिखे लेखनी , पन्ना सारा संसार है माँ ।
उपकार.........
-Panna