अंधेरो में से उजालो में लाना चाहती हूँ...में तुम्हें...
दिलबर नहीं दोस्त बनना चाहती हूँ..में.. . तुम्हें
एकबार मेरा हाथ थामकर तो देख... ऐ... दोस्त...
प्यारसे बडजाए एसी दोस्ती निभाना चाहती हूं ....में
वादा है तूजसे मेरा सारे गम भूला दूंगी....में...तुम्हारे
बस दूबारा जिना सिखाना चाहती हूँ...में.....तुम्हें ?
Ami patel