जब बचपन था तो जवानी एक ड्रीम था
जब जवानी हुए तो बचपन जमाना था
जब घर में रहते थे, आजादी अच्छी लगती थी
अाज आजादी हे फिर भी घर जाने की जल्दी रहती है |
कभी होटल में जाना पिज्जा बगर खाना पसंद था
आज घर पर आना ओर मां के हाथ का खाना पसंद है
स्कूल मे जिनके साथ झगड़ते थे आज उनको ही
इंटरनेट पे तलाशते हैं
खुशी किसमे होती है पता अब चला है |
बचपन क्या था इसका अहसास अब हुवा है
कश बदल सकते हम जिंदगी के कुछ साल |
कश जी सकते हम जिंदगी फिर एक बार ||