"मनवा"
कलकी चिंता छोड मनवा,
आज से नाता जोड़ मनवा,
ईश्वर अपना साथी हैं ,
कर्म अपना संगाथी हैं ।
ये मेरा हैं ये तेरा हैं का ,
क्यूं लगाता मोल मनवा ?
ना कुछ तेरा हैं ना कुछ मेरा हैं ,
ये तो जोगी वाला फेरा हैं मनवा ।
राम रहीम एक हैं फिर ,
तु क्यों जुदा जुदा हैं मनवा ?
ईश्वर अल्लाह एक हैं फिर ,
तेरा धर्म क्यों जुदा हैं मनवा ?
जाँत-पाँत की बोली लगाके ,
मनमें जहर न घोल मनवा ।
जीवन का मर्म आना जाना है,
जीवन का धर्म प्रेम फैलाना हैं ,
"गीता" सत्य वचन तु बोल मनवा ।