आओ चलें
चांद को निहारे
और बातें करें उससे
वो कुछ कहता है तुमसे
तुमने सुना है कभी ?
सुनो तुम ध्यान से
वो कुछ कहता है तुमसे
लेकिन तुम्हारी निगाहें
कहीं और हैं
और तुम्हारा मन कहीं और।
चांद तुम्हे अच्छा लगता था
वो आज भी अच्छा लगता है
पर बदल गए हैं शायद
तुम्हारे देखने के नजरिए
तुम बहुत कुछ
कहना चाहते हो उससे
लेकिन कह नहीं पाते
शायद उसके लिए कोई शब्द।
आओ चलें, चांद को निहारे
और बातें करें उससे।
# धीरज #