14 नवम्बर यानी बाल दिवस यानी चाचा नेहरू जी का जन्मदिन। वो नेहरू जी जो स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता संग्राम के बड़े नेता था। बच्चों से अथाह प्रेम। प्रधानमंत्री होने के बाद भी वह बच्चों की मंडली में इतना खो जाते थे कि उनके गार्ड्स को उन्हें बच्चों के बीच से खींच कर ले जाना पड़ता था। भारत की विश्व में जो आधुनिक पहचान बनी है उसमें उनका बड़ा योगदान है। दूरदर्शी, वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले और भारत से बेपनाह मोहब्बत करने वाले थे। अपनी पुस्तक डिसकवरी ऑफ इंडिया में वह लिखते हैं कि मेरे मरने के बाद मेरी एक मुट्ठी राख को गंगा में विसर्जित किया जाय क्योंकि उन्हें गंगा नदी से बचपन से ही बहुत लगाव था। वह गंगा के किनारे बसे इलाहाबाद जो अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, में पैदा हुए थे और गंगा नदी की लहरों के साथ मिलकर सुख-दुख के तराने गाये थे।
ऐसी महान विभूति के जन्मदिन पर एक बार फिर से आप सबको "बाल दिवस" की बहुत-बहुत शुभकामनाएं???