ऐ जिंदगी क्यो भागी जा रही है
अभी तो फूलो ने खिलना सीखा है
अभी तो पंछी पिंजरे से निकले है
अभी तो हवाए मधुर तान सुना रही है
अभी तो जरनो का मीठा पानी पीना बाकी है
अभी तो तस्वीरों में रंग भरना भी बाकी है
अभी तो बचपन अपना खेल खेलरहा है
अभी तो तुजे जानना भी बाकी है
ऐसे तो कुछ रिस्ते कुछ नाते छुटे जा रहे है
गर तू ऐसे भागेगी तो वक़्त को भी ना जान पाएंगे
वक़्त रहते संभालजा तू ।
हम तुजे भी जान ले जरा|
KJ दिल से