तेरे कदमों की आहट, कही कहीं रुक जाती है
खुश्बु तेरे तन मन की , मेरी तरफ आ जाती है
बडा शर्मिलापन है, खिलनेको बेताब कलियाँ
सहर सुहानी ,खुरशीद लीए फीर आ जाती है
आगोश मे लेती , मौसम ए बहार दिलरुबाना
दिल ए नूर तस्वीर ,दिल मे बस छा जाती है
हर सहर सुनहरी लेकर मौज मस्ती भर देती है
कोई अहेसास भीगा जजबात शबनमी आती है
लौट कर कहाँ जाउँगा ,साहिल को मिलकर ही
खबर मिली, मजधार कस्ती रुहानी बुलाती है
मेरा आना जाना ,सफर ए मौज हकीकी सदा
नूर ए अलम ,नूरानी यादे , दिल में आ जाती है