कब्र तो नही, सब्र होता है दिल,यारो
ईबादत का मामला, जख्मी होता है
नजरों का हुनर ,बेअंदाज हो जाए
जिसने पाया नूर, नूराना हाल होता हैं
बेशक, बेबयाँ , उलफत की रंगीनियां,
खुद में मस्त वोह, बेपरवाह होता है
बेसमज निगाहें उनकी, दुनियादारी से,
रूहानी कैफियतमें माला माल होता है
लब ए बयां कुछ हो ना पाए , जिंदगी,
आनंद में दिल ए नूर , गुमनाम होता है