इजहार ए इश्क , फकत है तेरा मुस्कराना
तुने पाया हुश्न हकीकी, ओर बस इतराना
तेरी वफा से यकीनन है मेरा रास्ता जिंदगी
लफजों से परे जजबात ,ओर मुसस्कराना
बेमिसाल है हुनर ए हकीकी, तेरी फितरत
तमाशा है दुनिया, तेरी सच्ची ईबादत माना
दुरस्त होती रहेगी हर हाल में , हकीकत यह
पैगाम ए इश्क खुदमे, मीठा मीठा मुस्कराना
आनंद यकीनन है ही,। मौज ए दिल मस्ताना
नजर ए नजर जिंदगी, होश में दिल है रुहाना