यु ही ना गुजरे , दौर ए हंसी ,। शबनम,
दो पल ठहर भी जाए जिंदगी यकीनन;
वक्त के साथ-साथ, बदल जाता है जहां,
अबदल आप में है, रुहानीयत यकीनन ;
बड़े शौक से पाला है, परिंदा ए हुश्न ,
उल्फत की जंजीरों में, कैद है, यकीनन;
रफ्ता रफ्ता बढ़ जाएगा, फासला मिटेगा,
दुश्वार लगेगी ज़रा ज़रा दुरियां, यकीनन;
आनंद, होश में जीना, हकीकत में जिंदगी,
बेहोशी का बाजार है यह दुनिया, यकीनन;
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