मौज ए दिल ,दोस्ताना सागर,
तुज सा हंसी , मचलते देखा !
रंगीनियाँ , दिल ए बहार खूब,
भंवर गून्जन मचलते देखा !
लफ्ज़ फीसलते है , कभी कभी,
चाँद को यहां फीसलते देखा!
बेदर्द हुं हमदर्द ,बेजख्म भी
दोस्ताना दिल , फिसलते देखा!
आनंद, गजब है जिंदादिली,
दुश्मन भी हमने दोस्ताना देखा।