दिन ओर रात, सुबह ओर शाम ,एक नाम,
वफा की गोद में , तेरी रहेमत से गुजारा है
बेनाम जिंदगी क्या सुकुन देगी , जिस्मी हाल
नाम नामी से परे , तेरी रहेमत से गुजारा है
इतना हसीन तो नही होता नजारा़ ए जिंदगी
हर पंखुडी में हँसती तेरी तस्वीर में गुजारा है
फूल भी कभी नजाकत को देख तेरी कहे
पल हमने तेरे दिल की नजाकत में गुजारा है
महेफुस है तेरी महोबत ,शबनमी बूंदों में भी
हर सुबह तेरा अहेसास, फूलों पर गुजारा हे