मेरी इज़्ज़त
सडक पे खडी हु अकेली, बेटी कीसी इनसान की मै हु नहीं न्ननी परी , जवानी मेरी 18 साल की आओ दरीन्दो आओ , मुझसे मेरी इज्जत लुट जाओ मै होगई जवान मुझे , तुम काठ खाऔ ' जेसे तुम चाहो आओ दरीन्दो आओ , छोडो ऊस प्यारी गुड्डी को ,वो ये ना समझ पायेगी हैं अभी वो न्ननी कली , टूट बिखर जायेगी जाने दो रेहने दो , छुओ ना उसके तन को है अभी वो न्ननी परी , दर्द सहना पाएगी उड़ने की ना उम्र हैं उसकी , घोसले से गिर जायेगी तुम्हारे वजनो के तले वो , मचल - कूचल जायेगी बच गयी तो ठीक पर , सदमा भूल न पाएगी अरे फिर किसी और को , वो प्यार करना पाएगी अरे फिर किसी और को , वो प्यार करना पाएगी Twinkle sarmaa को अ॔पण? Mõnty Khandelwal