ये बात मुजे आज तक समज नहीं आई,
तुम्हें मैं "सुकुन" बुलाऊं या "बेचैनी".??
☘️?☘️?☘️
जयश्रीकृष्ण?
अगर प्यार बेचैनी बन जाएँ ,
तो सुकून !कहीं नहीं रहेगा..!
मगर प्यार दिल से और भरोसे से ,
किया जाए तो ,जन्नत ही जन्नत..!
खुदा के लिए यूँ तराज़ू में रखकर ,
जहाँको मत कहो ,प्यार दिल में रखो...!
मुझे तो प्यार मीरा क्रिशन का भाता ,
इसलिए “जयश्रीकृष्ण” कहलाता..।
जयश्री पटेल
१९/८/१८