*“साकी”* अभी वो हौंसला ,
वो उड़ान बाकी है,
सम्हाल के रखना होश ,
*मेरे देश का ज्ञान अभी बाकी है ,*
*जीतने को “निखिल" ब्रह्मांड है,*
ये तो कदम था चाँद पर,
*अभी छलांग बाकी है,*
लहराएगा तिरंगा एक दिन जग में *“साकी”*,
अभी तरकश में सामान बाकी है,
```मत भूलो अभी प्रज्ञान बाकी है।``` lll