एक कमरे के किराये के घर में, मां बाप और 7 बहनों के साथ रहने वाला एक गरीब लड़का अपने ग्रेजुएशन में काउंसिलिंग के समय से 1 घण्टा लेट पहुँचा... हाँफते हुए वो काउंटर के पास गया तो समय निकल चुका था..!!
काउंटर से कर्मचारी ने पूछा...
"अभी तक कहा थे, समय पे नही आ सकते, क्यों लेट हुए..??"
लड़के ने जवाब दिया.. "सर किराये के पैसे नही थे इसलिए सुबह से ही पैदल चल के आ रहा हूँ..!!"
बहुत रिक्वेस्ट के बाद किसी कॉन्सिलिंग के लिए डॉक्यूमेंट ले लिया जाता हैं..!!
लाओ फीस लाओ.. "पांच" रुपये..!!
सर.. आज मेरे पास तीन रुपये ही है.. ये लेकर रशीद काट दीजिये बाकी दो रुपये मैं कल जमा करा दूंगा.. पक्का..!!
"मेरे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट आप रख लीजिए, मैं कल काउंटर खुलने से पहले ही जमा करा दूंगा "
नहीं-नहीं..!! आज ही रसीद कटेगी, तो आज ही जमा करो पूरे पांच रुपये.. नही तो मैं कुछ नही कर सकता..!!
लड़का फिर गिड़गिड़ाता हैं.... तभी उसके पीछे से कोई कंधे पे हाथ रख के... काउंटर के कर्मचारी से सवाल करता हैं.... "क्यों परेसान कर रहे हो इसे, और इतनी बतमीजी से किसने कहा बात करने को..??
अरे अरुण जी, 5 रुपये फीस हैं, और 3 रुपये ही जमा कर रहा हैं ये लड़का, हम कैसे रसीद काट दे..??
तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष "अरुण जेटली" ने उस लड़के से उसकी स्तिथि जानी.... और फिर बाकी 2 रुपया जेब से निकल के उस लड़के की फीस जमा कर दी..!!
लड़का काउंसिलिंग पूरी करने के बाद थोड़ी दूर खड़े अरुण जेटली जी को थैंक-यू बोलने गया.... जेटली जी ने कहा... अब तो तुम्हारे पास चाय पीने के भी पैसे नही होंगे.... आओ मैं तुम्हे चाय पिलाने ले चलता हूँ.!!
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वो लड़का, आज डीडीसी एसोसिएशन का प्रेसिडेंट, न्यूज़ ब्राडकास्टिंग एसोसिएशन चेयरपर्सन और इंडिया टीवी का मालिक "रजत"शर्मा" हैं..!!
किसी गरीब को कभी छोटा मत समझो।