कुछ बातें अनकही सी जो मैंने ना कही थी,
कुछ बातें अनसुनी सी जो तूने ना सुनी थी।
मेरी धड़कनों पे तेरी है धड़कनों का पहरा,
मैं जाऊँ भी जहाँ पर मुझे तू ही बस मिली थी।।
कुछ बातें अनकही सी जो मैंने ना कही थी,
कुछ बातें अनसुनी सी जो तूने ना सुनी थी।
सोचा था ना कभी ए
मेरी चाहतें भी होंगी
तड़प मेरी भी होगी
आँसू मेरे भी होंगे
किसी बेवफा की खातिर
मुझे दर्द भी मिलेंगे
ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है
ये प्यार नहीं करती है
करती है ये सौदा
व्यापार भी करती है
ये मैंने नहीं जाना
मैंने न ये पहचाना
जो मेरी थी खता तो सजा मुझे ही मिलनी थी
कुछ बातें अनकही सी जो मैंने ना कही थी,
कुछ बातें अनसुनी सी जो तूने ना सुनी थी।