कही ऐसा ना हो कि गलतफहमी इतनी बढ़ जाए , की हम तुमसे और तुम हमसे दूर हो जाओ । और फिर अगर कभी सोचो भी वापस आने का तो कोई वजह ना मिले आने की । मुझे पता है कि कोई भी गलतफहमी इतनी भी बड़ी नहीं होती कि उसका समाधान ना हो सके बस बैठ कर बात करने का हौसला होना चाहिए ।