हालात को करिये बेहतर,
जिंदगी कैसी मिली ये न सोचिये.
मेरे साथ ही ऐसा क्यूँ है ,
कभी अपने आप को न कोसिये.
जो हैं खुश हाल उनसे सबक लीजिये ,
सिर उठा कर नहीं झुका कर भी देखिये.
कौन हैं परेशाँ मदद उसकी कीजिये,
छोटी लकीर के पास ही,
अपनी लंबी लकीर खींचिये.
आप से खुशहाल कितने भी हों ,
अपने से कमतर पै गौर कीजिये.
है संतोष धन बड़े काम का ,
संतोष करिये, औरों को भी दीजिये.
शोभा शर्मा