सच बताना कि जो भी था जैसा भी था क्या वो मेरा वहम था या उस में थोड़ी सी भी कोई सच्चाई थी ।जो तुम्हारा मेरे को फोन करना मेरा हाल चाल पूछना क्या वो सब एक धोका था । मेरा गुस्सा होना , तुम्हारा मुझको मनाना क्या वो सब छलावा था । मुझे आज भी ऐसा लगता है कि कुछ तो था जो तुम आज भी मुझसे छुपा रहे हो । नाटक में मैं हिस्सा लेती थी पर तुम तो रंगमंच के पक्के खिलाड़ी निकले, धोका भी ऐसा दिया की हमको वो भी सच लगने लगा ।