जो मोहब्बत है किसी से तो,
ज़रा सी नफ़रत भी होनी चाहिए,
जो ख़ुद को ज़िंदा कहते हो तो,
शख़्सियत में थोड़ी सी हरक़त भी होनी चाहिए!!
दुनिया भरी पड़ी है,
दिल लगाने वालों से,
मग़र दिलजलों की सुनवाई की ख़ातिर,
एक अदालत भी होनी चाहिए!!
हर किसी की हर बात में,
हाँ में हाँ मिलाना ज़रूरी नहीं,
जो तुम्हें नापसंद हो,
उसकी शिक़ायत भी होनी चाहिए!!
दिल तोड़ने वालों के पास,
कोई ना कोई वाज़िब वजह ज़रूर होगी,
ऐसे वफ़ा परस्तों की,
एक बार ही सही ज़मानत भी होनी चाहिए!!!