Hindi Quote in Poem by Manoj kumar shukla

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कश्मीर मुद्दे को लेकर हमारे दोनों दुश्मनों द्वारा किये गये कब्जे पर लिखी गई रचना

जब आजाद हुआ यह भारत......

जब आजाद हुआ यह भारत, काश्मीर था पूरा।
नजर लगी जबसे नापाकी, सपना हुआ अधूरा ।।
कभी भाइ कहलाते थे ये, मकड़ जाल अब बुनते।
शांति राह पर चले सदा से,तब भी शूल हैं चुभतेे।।
दोंनो ने भाई भाई का, दिया था मोहक नारा।
नीयत में तो खोट बसा था,रिश्तों से है हारा।।
इक भाई ने कब्जा करके, बना लिया पी ओ के।
दूजे ने नारा ही गढ़कर, बना लिया सी ओ के।।
दोनों पक्के दोस्त बन गये, इक पाले आतंकी।
दूजे ने व्यापार के खातिर, जमा रखी आसंदी।।
निर्भय होकर घुसते रहते, बार्डर से आतंकी।
मूक समर्थन देकर दूजा, करता है नौटंकी।।
सात दशक से देख रहे हैं, इनकी डगमग कश्ती।
सरे आम बंदूक दागते, दहशत में है बस्ती।।
यह धरती जो माँ कहलाती, बहता लहू है रोती।
राजनीति की चाल बेढंगी, छीन सके ना मोती।।
चाहे जब ये भौंह चढ़ाते, जग में रौब दिखाते ।
ड्रेगन को आगे करके ये, हम पर धौंस जमाते ।।
खूब ठोंक ली पीठ है अपनी,बंगला देश बनाया।
अपनी ही धरती को खोकर, कैसा नाम कमाया।।
सीमाओं पर डटा खड़ा है, भारत का हर प्रहरी।
हाथों में पत्थर लेकर के, चोट मारते गहरी।।
कुछ दुश्मन के संग मिले हैं, दिखा रहे थे रस्ता।
बड़े गजब के हैं ये यारो, खूब खाय हैं पिस्ता।।
नापाकी चालों पर देखो, सचमुच लगा विराम।
मतदाता ने निर्णय देकर,करदीनींद हराम।।
मोदी की तो चतुराई ने, सबको दे दी मात।
चारों खाने चित्त हो गये,नहीं सूझती बात।।
भारत ने हरदर्द भुलाकर, पाया बड़ा मुकाम।
पहुँच रहे हैं गगनयान पर,अब भी उन्हें जुकाम।।

मनोजकुमार शुक्ल "मनोज "

Hindi Poem by Manoj kumar shukla : 111213289
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