मेरी आँखों पे मरती थी,
मेरी बातों पे हँसती थी,
न जाने शक्स थी कैसी ,
मुझे खोने से डरती थी ,
मुझे जब भी वो मिलती थी ,
यही हर बार कहती थी,
सुनो।
मैं भूल जाऊ तो,
अगर मैं रूठ जाऊ तो,
कभी वापस ना आऊ तो,
भुला पाओगे सब कुछ,
यु ही हसते रहोगे क्या,
यही बातें हैं बस उसकी
ये यादें हैं बस उसकी,
मुझे मालूम है इतना, मुझे वो प्यार करती थी,
मुझे खोने से डरती थी। —